जानिए किन कारणों से हुआ 1947 में भारत और पाकिस्तान का बंटवारा
भारत के दो देशो में विभाजित होने के बहुत से कारण
जिमेदार है। जिस कारण 1947 में भारत की आजादी के समय इसका दो देशो में विभाजन हो गया। आज हम आप को भारत के विभाजन के कुछ के बारे में बताएंगे।
1
. मुस्लिम लीग का गलत दृष्टिकोन
भारत के विभाजन में मुस्लिम लीग का स्वार्थी दृष्टिकोन है। शुरुयात में तो मुस्लिम लीग की स्थापना मुसलमानों के हितों के लिए किया गया था। मुस्लिम लीग के संस्थापक सर सैयद अहमद खां और बाद में जिन्हा ने दो राष्ट्र के सिद्धांत को जन्म दिया और जोर सोर से इसका प्रचार किया। और इस उदेस को पूरा करने का पाक मन बना लिया।
2.
कांग्रेस की कमजोर नीति
भारत के विभाजन में कांग्रेस की कमजोर नीति भी महत्वपूर्ण है। क्यू की शरुआत से ही कांग्रेस मुस्लिम लीग के साथ नर्म बर्ताव करती या रही थी जिस कारण उनका हौसला और भी बढ़ गया। जैसे की मुस्लिम लीग को फिरकुप्रस्ति फैसला 1932 की मंजूरी और आर योजना में कई तरह के रियायतों को देना, और मुसलमानों में उनके प्रति भरोसा और बढ़ गया। जिस कारन उनका हौसला इतना बढ़ गया वो समझ गए थे की कांग्रेस उनकी हर मांग को ओर करेगी। जिस कारन दिन प्रति दिन उनकी मांगें बढ़ती गयी। और कांग्रेस इनका विरोध करने में असमर्थ हो गयी। जिस नतीजा ये था कि भारत का विभाजन होना तय हो गया।
3
.ब्रिटिश सरकार की नीति
भारत के विभाजन का असली कारन ब्रिटिश सरकार है। अंग्रेजो ने बहुत ही शातिर तरीके से इसे अंजाम दिया उनकी नीतियां तो पूरे विश्व में मशहूर है। अंग्रेजो ने शुरुआत से ही फुट डालो और राज करो नीति को अपनाया। उन्हों ने हिन्दुयों और मुसलमानों को एक दूसरे के खिलाफ भड़काते और राज करते। उनकी इसी नीति कारन ही अंग्रेज भारत पर अपना शासन ज़माने में कामयाब हुए । अंग्रेजो ने मुस्लिम लीग के अंगरो को इतनी हवा दी आधा भारत उस की चपेट में या गियया।
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.दंगे फसाद होने
पाकिस्तान की मांग के और मुस्लिम लीग की सीधी कारवाही के कारण सारा देश गृह युद्ध की चपेट में या गया हतिया, चोरी,लूटमार,आग लगाने,इमारतों को नुक्सान पहुचने की घटनाएं दिन व् दिन बढ़ती चली गयी। इन सब घटनायों को देखते हुए लेडी माउंटेन नेहरू जी से मिली और कहा कि किया इस खून खराबे से अच्छा नई की मुस्लिम लीग की बात मान लिया जाये दूसरी तरफ लार्ड माउंटेन ने भी सरदार पटेल को भारत के विभाजन के लिए मना लिया।
5.
मौजूदा सरकार की असफलता
उस समय मुस्लिम लीग और कांग्रेस की सरकार को एक साथ काम करने का मौका मिला लेकिन मुस्लिम लीग कांग्रेस की राह में कई रोड़े अटका रही थी। जिस कारण देश में दंगे आदि हो रहे थे। जिस कारण कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के साथ काम न करने का मन बना लिया।
6
.अंग्रेजो का भारत को आजाद करने के एलान
20 फरवरी 1947 को ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने ये एलान किया कि वो जून 1948 तक भारत को आजाद कर देंगे। इस लिए ये जरूरी है की मुस्लिम लीग और कांग्रेस आपस में समझौता करले। नतीजा ये हुआ की कांग्रेस मजबूर हो कर ब्रिटिश सरकार की भारत विभाजन की योजना को स्वीकारना पड़ा।