Wednesday, 19 December 2018

जानिए दूसरे विश्वयद्ध का भारत पर किया प्रभाव पड़ा


  •     जानिए दूसरे विश्वयद्ध का भारत पर किया प्रभाव पड़ा


दूसरा विश्व युद्ध 1939 से 1945 तक चला इस युद्ध का भारत की सुतंत्रता संग्राम पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा। 1945 में विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद भारत के इतिहास में एक नए युग का आरंभ हुआ। अभी तक इंग्लैंड विश्व की सर्वसक्ति थी। लेकिन अब इसका स्थान रूस और अमरीका ने ले लिया।

ये दोनों महाशक्ति भारत की स्वतंत्रता के तरफ थे। इस लिए दोनों ने इंग्लैंड पर दबाव बनाया। दूसरे विश्व युद्ध के बाद इंग्लैंड की आर्थिक और सैनिक शक्ति बहुत कमजोर हो गयी। इसलिए इंग्लैंड की सरकार अब भारत मे अपना कब्जा बनाये रखना मुस्किल हो गया। उसी समय एशिया और अफ्रीका में सवादीनता के लिए आंदोलन तेज हो गया। इंग्लैंड में अब कंजरेटिव पार्टी की सरकार की जगह लेबर पार्टी की सरकार बनी। इंग्लैंड का प्रधानमंत्री जो की जो की कंजरेटिव पार्टी से था उस ने भारत को आजादी देने के पक्छ में नही था । उसका कहना था कि वो इंग्लैंड और भारत के साम्राज्य की तबाही के लिए प्रधानमंत्री नही बना। लेकिन अब लेबर पार्टी के प्रधानमंत्री लार्ड एटली के प्रधानमंत्री बने और वो भारत की आजादी के पक्ष में थे। दूसरे विश्व युद्ध के बाद भारत में बहुत तेजी से परिवर्तन हो रहे थे। जिस का नतीजा ये निकला की भारत को 15 अगस्त 1947 में आजादी मिली




Friday, 7 December 2018

जानिए किन कारणों से हुआ 1947 में भारत और पाकिस्तान का बंटवारा


जानिए किन कारणों से हुआ 1947 में भारत और पाकिस्तान का बंटवारा


भारत के दो देशो में विभाजित होने के बहुत से कारण
जिमेदार है। जिस कारण 1947 में भारत की आजादी के समय इसका दो देशो में विभाजन हो गया। आज हम आप को भारत के विभाजन के कुछ  के बारे में बताएंगे।

1. मुस्लिम लीग का गलत दृष्टिकोन



भारत के विभाजन में मुस्लिम लीग का स्वार्थी दृष्टिकोन है। शुरुयात में तो मुस्लिम लीग की स्थापना मुसलमानों के हितों के लिए किया गया था। मुस्लिम लीग के संस्थापक सर सैयद अहमद खां और बाद में जिन्हा ने दो राष्ट्र के सिद्धांत को जन्म दिया और जोर सोर से इसका प्रचार किया। और इस उदेस को पूरा करने का पाक मन बना लिया।

2.कांग्रेस की कमजोर नीति



भारत के विभाजन में कांग्रेस की कमजोर नीति भी महत्वपूर्ण है। क्यू की शरुआत से ही कांग्रेस मुस्लिम लीग के साथ नर्म बर्ताव करती या रही थी जिस कारण उनका हौसला और भी बढ़ गया। जैसे की मुस्लिम लीग को फिरकुप्रस्ति फैसला 1932 की मंजूरी और आर योजना में कई तरह के रियायतों को देना, और मुसलमानों में उनके प्रति भरोसा और बढ़ गया। जिस कारन उनका हौसला इतना बढ़ गया  वो समझ गए थे की कांग्रेस उनकी हर मांग को ओर करेगी। जिस कारन दिन प्रति दिन उनकी मांगें बढ़ती गयी। और कांग्रेस इनका विरोध करने में असमर्थ हो गयी। जिस नतीजा ये था कि भारत का विभाजन होना तय हो गया।

3.ब्रिटिश सरकार की नीति



भारत के विभाजन का असली कारन ब्रिटिश सरकार है। अंग्रेजो ने बहुत ही शातिर तरीके से इसे अंजाम दिया उनकी नीतियां तो पूरे विश्व में मशहूर है। अंग्रेजो ने शुरुआत से ही फुट डालो  और राज करो नीति को अपनाया। उन्हों ने हिन्दुयों और मुसलमानों को एक दूसरे के खिलाफ भड़काते और राज करते। उनकी इसी नीति कारन ही अंग्रेज भारत पर अपना शासन ज़माने में कामयाब हुए । अंग्रेजो ने मुस्लिम लीग के अंगरो को इतनी हवा दी आधा भारत उस की  चपेट में या गियया।

4.दंगे फसाद होने



पाकिस्तान की मांग के और मुस्लिम लीग की सीधी कारवाही के कारण सारा देश गृह युद्ध की चपेट में या गया हतिया, चोरी,लूटमार,आग लगाने,इमारतों को नुक्सान पहुचने की घटनाएं दिन व् दिन बढ़ती चली गयी। इन सब घटनायों को देखते हुए लेडी माउंटेन नेहरू जी से मिली और कहा कि किया इस खून खराबे से अच्छा नई की मुस्लिम लीग की बात मान लिया जाये दूसरी तरफ लार्ड माउंटेन ने भी सरदार पटेल को भारत के विभाजन के लिए मना लिया।

5.मौजूदा सरकार की असफलता



उस समय मुस्लिम लीग और कांग्रेस की सरकार को एक साथ काम करने का मौका मिला लेकिन मुस्लिम लीग कांग्रेस की राह में कई रोड़े अटका रही थी। जिस कारण देश में दंगे आदि हो रहे थे। जिस कारण कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के साथ काम न करने का मन बना लिया।

6.अंग्रेजो का भारत को आजाद करने के एलान



20 फरवरी 1947 को ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने ये एलान किया कि वो जून 1948 तक भारत को आजाद कर देंगे। इस लिए ये जरूरी है की मुस्लिम लीग और कांग्रेस आपस में समझौता करले। नतीजा ये हुआ की कांग्रेस मजबूर हो कर ब्रिटिश सरकार की भारत विभाजन की योजना को स्वीकारना पड़ा।







Saturday, 1 December 2018

जानिए कैसे पड़ा व्हाईट हॉउस का नाम व्हाईट हॉउस

     कैसे पड़ा व्हाइट हॉउस का नाम व्हाईट हॉउस


नमस्कर दोस्तों आप ने कई बार टीवी,अख़बार, रेडियो, मैगजीन आदि पर व्हाइट हाउस का नाम तो सुना या फिर पढ़ा होगा। दरसल व्हाइट हाउस अमेरिका के वांशिगटन में मौजूद राष्ट्रपति भवन को कहते है। लेकिन दोस्तों किया आप को पता है कि अमेरिका के राष्ट्रपति भवन को व्हाइट हाउस क्यू कहते है।

दोस्तों व्हाइट हाउस को हमेशा से व्हाइट हाउस नही कहा जाता था। और न ही ये शुरुआत से ही सफ़ेद रंग का था। लेकिन बाद में इसे सफ़ेद रंग से रंग दिया गया। तभी से इसे व्हाईट हॉउस नाम दिया गया।
क्यू पड़ा

व्हाईट हॉउस नाम

साल 1814 तक व्हाइट हॉउस को राष्ट्रपति भवन ही कहा जाता था। लेकिन साल 1812-15 तक चले अमेरिका और ब्रिटेन के बीच लड़ाई में जब ब्रिटिश आर्मी ने वांशिगटन में बहुत सी जगहों पर आग लगा दी इस आग की चपेट में अमेरिका का रास्ट्रपति भवन भी या गया जिस कारण इस ईमारत की खुबसूरती चली गयी। युद्ध की समाप्ति के बाद इसे फिर से आकर्षित बनाने के लिए इसे पूरी तरह से सफ़ेद रंग में रंग दिया गया। साल 1902 में इसे अधिकारित तोर पर व्हाइट हॉउस नाम दिया गया। तब से वाइट हॉउस का के नाम से प्रसिद्ध हो गया