Thursday, 22 November 2018

कैसे चमकती है आसमानी बिजली

                          कड़कती  बिजली


बारिश के मौसम में तो बिजली का कड़कना आम बात है।लेकिन क्या आप जानते है। हर दिन करीब 30 लाख बार से भी ज्यादा कड़कती है। मतलब प्रति सेकेण्ड 35 बार धरती के भू मध्य रेखा के आप पास सबसे ज्यादा बार बिजली कड़कने की घटनाएं होती है।

बिजली कैसे बनती है।

बहुत से लोग ये सोचते होंगे की आसमान में कड़कने बाली बिजली आखिर बनती कैसे है
आसमानी बिजली दरअसल के विद्युत की बहुत ही ज्यादा शक्तिसाली धारा है।
जो की हमारे घर में दौड़ने बलि बिजली से कई गुना खतरनाक होता है। इसका बनना इस बात पर निर्भर करता है की बदलो में धूल,पानी,और बर्फ, के कण आपस में कितनी तेज और जोर से टकराते है इनके टकराने से ही बदलो में इलेक्ट्रॉनिक तरंगे उत्पन होती है

 

एक सामान नही होती बिजली

आसमान में कड़कने बाली बिजली एक सामान नही होती।
जिस प्रकार मुनष्य के उंगलियों के निशान एक समान नही होते। उसी प्रकार बिजली के आकार प्रकार,तीव्रता, में अंतर होता है।




बिजली का कड़कना बादल का गर्जना

बिजली के कड़कते समय जोर से आवाज़ होती है तो इसे बदल का गर्जना कहते है। ये आवाज़ बिजली के कोंध से उत्पन गर्मी के कारण हवा में विस्फोट से होता है। दरसल बिजली का कड़कना और बादल का गर्जना एक साथ होने वाली प्रक्रिया है। लेकिन प्रकाश की गति ध्वनि की गति से तेज होती है। इसी कारण है कि हमें बादल की कोंध और प्रकाश मे कुछ समय का अंतर दिखता है।

Saturday, 17 November 2018

जानिए दुनिया के जब, कुछ अनजाने तथ्य

                     क्या आप जानते हो???


1. जैतून के पेड़ की उम्र 1500 वर्ष तक हो सकती है।

2. हाथी इकलौता 4 घुटने वाला जानवर है।

3. एक अनुमान के मुताबिक धरती का वज़न 65,88,00,00,00,00,00,00,000 टन है।

4. एक रानी मधुमखी रोज 1500 अंडे देती है।

5. कुते अपने गले से 10 प्रकार और बिल्लिया लगभग 100 प्रकार के आवाज निकल सकती है।

6. एक घोंगा लगातार 3 वर्ष सोया रह सकता है।

7. नींद में हमारे शरीर से100 वाल्ट की ऊर्जा उत्पन होती है।

 8. मानव शरीर की 25% हड्डियां पैरो में होती है।

9. सिर्फ तोता और ख़रगोश ही ऐसे जीव है, बिना गर्दन घुमाये पीछे देख सकते है।

10. धरती का 85% बनस्पति का हिसा समुन्द्र की की गहराइयों में है।

11. छछुंदर रात भर में 250 फुट तक सुरंग खोद सकता है।

12.इस्लाम भारत के साथ पूरी दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है

13. कांच की गेंद रबड़ की गेंद से ज्यादा बाउंस होती है।

14. ध्वनि हवा की गति अपेछा स्टील में 50 गुना ज्यादा तेजी से ट्रेवल करती है।

15. डॉल्फिन एक आंख खोल कर सोती है।





Wednesday, 14 November 2018

संसार में किये गए काम जो पहली बार हुये।

                संसार में की गयी पहली प्राप्तीया



1.सेप्रा तेनजिंग, एडमंन हिलेरी, माउण्ट एवरेस्ट पर जाने वाले पहले इंसान है।

2.रॉबर्ट पीयरी संसार के उत्तरी छोर पर जाने वाले पहले इंसान है।

3.अमंडसन  संसार में दछिनी छोर पर जाने वाले पहले इंसान थे।

4.संविधान की रचना करने वाला अमेरिका पहला देश है।

5.नील आर्मस्ट्रॉन्ग चाँद पर जाना वाले पहले इंसान थे।

6.मेग्लेंन सब से पहले समुंद्री यात्रा करने वाले इंसान थे।

7.नावंग गोम्वुवु  2 वार माउन्ट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाले पहले इंसान थे।

8.श्रीमति जुनको ( जापान ) माउंट ऐवरेस्ट पर जाने वाली संसार की पहली महिला है।

9.मार्गरेट थैचर ( इंग्लैंड ) संसार की पहली महिला प्रधानमंत्री थी।

10.संसार में पहली बार परमाणु बम्ब हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराया गया।

11.संसार की पहली किताब चीन में  छपी थी।

12.चीन पहला देश है जिस ने सिविल सर्विस में मुकाबले की शुरआत की

Tuesday, 13 November 2018

पैरासूट का इतिहास

                   जानिए पैरासूट का इतिहास


दोस्ते सदियों से मनुष्य की आसमान में उड़ने की इच्छा रही है।
इसलिए मानव ने हवाई जहाज , हेलीकॉप्टर, रॉकेट, यादि का आविष्कार किया। लेकिन खुले आसमान में उड़ने की इच्छा अधूरी ही रही। आज हम आप को मानव के उस अविष्कार के बारे में बातेंगये जो सायेद इस इच्छा को पूरी करती है। जी हां हम बात कर रहे है पैरासूट की। आज हम आप को पैरासूट के इतिहास के बारे में बातेंगये। 
दोस्तों पैरासूट का की खोज इतनी आसानी से नहीं हुयी। इसके लिए बहुत से लोगो ने ने मेहनत की है। यह तक की कुछ लोगो ने अपनी जान भी गवाई है

पैरासूट का इतिहास

कहते है। कि सबसे पहला पैरासूट इटली के वैज्ञानिक लुनार्डो दसी ने आज से करीब 500 साल पहले बनाई। उसके बाद बहूत से लोगो ने इसमें सुधार किये और नए डिज़ायन बनाये।

1783 एक फ्रांसीसी डॉक्टर ने लकड़ी के ढांचे पर कपडा लगा कर एक ऊँची इमारत से छलांग लगा कर सब को हैरान कर दिया।

1797 में एक और अन्य फ्रांसीसी आंद्रे गनिरंन ने हवा में उड़ते हुए गुब्बारे से 3000 फुट की ऊँचाई से छलांग लगाई।  इ देख कर वह मौजूद बहुत से लोग डर गए। लेकिन जैसे ही पैरासूट में हवा भरी आंद्रे आसानी से धीरे-धीरे नीचे उतर गए।

शुरुआत में पैरासूट लकड़ी के ढांचे से  में कपडा बाँध कर बनाये जाते थे। 
फान टासल नमक आदमी ने सूती कपड़े का पैरासूट बनाया जो बहुत मशहूर हुआ था। कुछ समय बाद रेसमी कपडे का उपयोग होने लगा जो बहुत हल्का और मजबूत हो गया।

अब पैरासूट नायलोन के बनते है। जो की बहुत हलके और पहले से काफी मजबूत  होते है। की रोचक बातें 

पैरासूट में उपयोग

आरंभ में पैरासूट से छलांग सिर्फ एक खेल के रूप में देखते थे। बाद में धीरे-धीरे लोगो को पता चला की इससे पायलट की जान भी बचाई जा सकती है। 

दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान हाजरो पायलटो ने अपनी जान पैरासूट बचाई।

पैरासूट के द्वारा दुश्मन के के परदेश में सेना उत्तरी जाती है।

खाने पीने का सामान व् बोम्ब वगेरा भी सेना के मोर्चे में पैरासूट के द्वरा गिराया जाता है।

पैरासूट के द्वरा बड़े और तेज चलने वाले हवाई जहाज को रोकने के लिए उप्योग में लाया जाता है। जिस से जहाज की गति काम जो जाती है और आसानी से ब्रेक लग जाता है।

कुछ लोग मनोरंजन के लिए भी बड़ी बड़ी इमारते या पहाड़ो के ऊपर से भी पैरासूट से छलांग लगाते है।

अंतरिक्ष यात्री भी पैरासूट से के द्वरा ही नीचे आते है।



Monday, 12 November 2018

रंग बदलने में माहिर ख़रगोश

               रंग बदलने में माहिर ख़रगोश  



दिखने में ख़रगोश जितना सूंदर होता है। उतना ही तेज़ तर्रार जर्नवर मन जाता है। आप को बता दे की ख़रगोश ब्रीटेन का सबसे मशहूर जानवर है। क्या आप जानते है। के ब्रीटेन के मुख्य निवाशी नही है। जी है करीब 900 साल पहले फ़्रांस से लाया गया था।


ख़रगोश का की बनावट

एक वयस्क ख़रगोश 40 सेंटीमीटर तक लंबा हो सकता है। और वजन की फर बहुत मुलायम और पूंछ लंबी होती है।


भोजन

ख़रगोश एक पूरी तरह से शाकाहारी जानवर है। ये घांस नए पौधे,जड़ी बूटियां, मुलायम  टहनियां आदि।

ख़रगोश के कान

ख़रगोश के कान बहुत बड़े और सेंसटिव होते है। इनकी सुनने की सकती बहुत तेज होती है। जो चारो तरफ मुड़ सकते है। और आस-पास के खतरों की जानकारी रहती है। और उन्हें
सचेत रहते है।


परिवार

ख़रगोश बिलो में रहते है। और बच्चो को भी वही जन्म देते है।
मादा खरगोश बच्चो की देखभाल करती है। जन्म के टाइम इनकी आँखे खुली होती है।


रंग बदलना

यु तो ख़रगोश ज्यादातर सफ़ेद रंग का ही पाया जाता है। लेकिन ये अपना रंग वातावरण, या जगह के हिसाब से बदल सकते है।


हमेशा सचेत रहना

ख़रगोश बहुत ही फुर्तीला जानवर होता है। जब भी इ भोजन या कोई और काम करते है तो दूसरा ख़रगोश हमेसा निगरानी करता है। और खतरा होने पर अपने पैर जोर जोर से पटकता है। और सभी ख़रगोश अपने अपने बिलो में चले जाते है।


वातावरण

ख़रगोश हमेसा हरे भरे मैदानों में या खेतो में रहना पसंद करते है। क्यू की उनका शिकार करने वाले जानवर कुते,लोमड़ी आदि नही होते।


Sunday, 11 November 2018

जानिए क्यू आता है मगरमछ को आंसू


                        मगरमछ के आंसू




दोस्तों आप ने मगरमछ के आंसू वाली कहावत तो सुनी होगी लेकिन किया आप जानते है कि मगरमछ शिकार करने के बाद आंसू क्यू बहता है।दरसल जब कोई मगरमछ या घड़ियाल कोई शिकार करता है तो इस प्रतीत होता की वो अपने द्वारा मारे गए  जीव के लिए दुःख प्रकट करता है, लेकिन ये सच नही है।
वास्तविकता तो ये है कि भोजन के बाद आंसू आना उनकी जैविक विवस्तिता है

मगरमछ के आँख में आँसू आने का कारण

अध्यनों से ये पता चला है कि जब कोई मगरमछ अपने शिकार है तो उनके अमाशय से पाचक द्रवों का रीसाव शुरू हो कर भोजन में मिल कर रासायनिक क्रियाये करने लगता है, इस क्रिया के कारण भोजन के पाचन के साथ साथ इनके शरीर में लवणों के स्तर में भी इजाफा होता है, इन लवणों का इनके शरीर से निकलना जरुरी होता है, नही तो इनके शरीर को नुकसान पहुँच सकता है।
मगरमछ के शरीर से इन हानिकारक लवणों को विसेष ग्रन्थियों दौरा बाहर कर दिया जाता है, लेकिन द्रव मुत्रस्य में नही आँखों के दोनों कोनो में खुलती है।
इस प्रकार जब भी मगरमछ के शरीर में लवणों की मात्रा बढ़ती है।।इनका बाहर की तरफ रीसाव होने लग जाता है।
और इस लगता है कि मगरमछ सच्च में रो रहा है।

Friday, 9 November 2018

जानिए साँपो के बारे में और उनके संसार को

                          सर्प संसार

साँप जो देख कर हर कोई डर जाता है। लेकिन डरने की कोई जरुरत नही। क्यूकी हर साँप जहरीला नही होता है पर हर साँप काटता जरूर है।आज हम आप को ऐसे ही साँपो के कुछ रोचक बाते बातेंयगे ।


साँपो की प्रजातियां
साँपो की लगभग 2500 प्रजातियां होती है। जिनमें से करीब 600 ही जहरिले होते है।

सबसे बड़े साँप
साऊथ अमेरिका में पाया जाने वाला ग्रीन एनाकॉन्डा सबसे सबसे बड़े साँप होते है। इनका वजन करीब 250 किलो से भी ज्यादा हो सकता है और लंबाई करीब 10 मीटर तक होती है।



सबसे छोटे साँप
लेसर एंटीलिन थ्रेड स्नेक 108 मिलीमीटर का होता है।

सबसे जहरीला साँप
सी स्नेक वैसे तो सब से जहरीला साँप है। लेकिन ये अपने नाम के मुताबिक sea यानि की समुन्दर में पाया जाता है। लेकिन धरती पर पाया जाने वाला सबसे जहरीला साँप इंलेड ताइपन है।

साँपो के कुछ रोचक तथ्य

1.साँपो के पैर नही होते इ स्केल्स की मदद से चलते है।

2.साँप अपने जीभ की मदद से सूंघते है।

3.साँप अपने आकार से कई गुना ज्यादा बड़ा शिकार निगल      लेते है।

4.कुछ साँप अंडे देते है और कुछ बच्चे को जन्म देते है ।

5.सभी साँप जहरिले नही होते लेकिन बिना कभी-कभी बिना जहर बाले साँपो के काटने से इंसान बहुत घबरा जाता है।और Hart attack से उनकी मौत हो जाती है।

6.किसी भी साँप के काटने पर चाहये वो कितना भी जहरीला हो। लगभग 1 से 2 घण्टे का समय होता है इलाज के लिए।

7. आप में से बहुत से लोग से सोचते होंगे की साँप सच में बिन पर नाचते है लेकिन साँपो के कान नही होते वो सिर्फ अपनी नजर सपेरे के आँख पर गड़ाये रहता है। और जिधर जिधर सपेरा घूमता है साँप भी उधर ही घूमता है। इस लिए वो नाचता हुआ प्रतीत होता है।













क्या आप जानते हो समुन्दर में कच्चे तेल का पता कैसे लगता है।


    समुन्दर में खनिज तेल का पता कैसे चलता है


दोस्तों आप लोगो में से बहुत लोगो को पता नही होगा की समुन्दर में तेल का पता कैसे चलता है।

समुंदर में तरल का पता लगाने के लिए सब से पहले सेटेलाईट की मदद से गुरुतत्व चुम्बकीय आंकड़े का पता लगाया जाता है इन आंकड़ो के आधार पर जिस  छेत्र का पता चलता है वह जहाज भेजे जाते है।
जो गुरुतत्व चुम्वक्य और भूकंपये जानकारी जामा करते है।
उस के बाद आंकड़ो का अध्यन क्र के ड्रिलिंग का काम चालू होता है।
तभी पता चलता है की वहा तेल है कि नही।

कैसे बनता है खनिज तेल।

दोस्तों खनिज तेल लाखो करोडो साल पहले समुंदर और उस के आस पास में रहने वाले जीव-जन्तुयो और वनस्पतियो के अवशेषो से बना है। जब ये नष्ट हुए तो इन पर रेत और मिटी की परतें चढ़ती चली गयी। जो बाद में बाद चटानो का रूप धारण कर लेती है। और लाखो- करोडो साल बाद ये गहरे द्रव में तब्दील हो के चटानो के बीच जहा जगह मिली वहा जमा हो गये। इस द्रव को कच्चा तेल या खनिज तेल कहा जाता है।